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Sparks fly when she meets Siddhartha, a career oriented, self obsessed intellectual with a vision that is completely different from her. Despite having nothing in common the two end up forming an unexpected bond.
इस बुक में आप अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों, राजनीतिक साजिशें, धार्मिक एवं आर्थिक कारण आदि को देखेंगे। इस में यह माना गया है कि सभी ग्रहों का घुम्मन काल समान है। जिस कारण उनके प्रति दिन में होने वाले घंटे भी समान है। यहां कुछ ग्रहों पर राततांत्रिक शासन है तो कहीं पर लोकतांत्रिक। लोकतांत्रिक सत्ता वाले बहुत कम ही ग्रह है। इस पोस्ट में आप धार्मिक गतिविधियों के कारण युद्घ होते हुए देखेगे। इसका कुछ कारण पसंद ना पसंद भी है। साथ में एक बुक में आप एक पर्दे के पीछे छुपे आतंकवादी को भी देखेंगे। इसमें बग्नाना, बेगम नूरी प्रमुख विलेन रहेंगे। इसमें 4 ग्रहों के मध्य युद्ध को देखेंगे। इसमें पात्रों के नाम कुछ भारतीय, कुछ अमिरिकी, कुछ चीनी और कुछ काल्पनिक है। ये किस्सा भी एक कल्पना मात्र है। फिर भी ये वास्तविकता का अनुभव कराता है।
क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!
मनुष्य में अद्भुत शक्ति है, वह रो भी सकता है और हँस भी सकता हैI परिस्थितियाँ तो निर्माण होती हैं, उनका प्रभाव पड़ता है परंतु उनका कितना प्रभाव उस पर पड़े यह मनुष्य स्वयं नियंत्रित कर सकता हैI सतत प्रसन्न रहना एक कला हैI यह कला हर व्यक्ति को आती है, परंतु हम विस्मित हो गए हैंI हम अपना स्वरूप भूल गए हैंI यह पुस्तक आपको अपने मूल रूप में स्थापित करने का प्रयास है; जिसके द्वारा आप सतत प्रसन्न रह सकते हैंI कोई भी परिस्थिति आपको विचलित नहीं कर सकती है; यह अहसास आपको सदैव रहे; यही मेरी कामना हैI मेरी अन्य पुस्तकें अंग्रेजी में 'हैप्पीनेस 24/7', 'कृष्ण दी सुपर कॉन्शसनेस' और हिंदी में 'दादी के बोल' भी आप पढ़ें और लाभान्वित हों; यह अपेक्षा रखते हुए आपके सहयोग के लिए धन्यवादI
रोमियो आणि ज्युलियटमध्ये शेक्सपियर हिंसक जग निर्माण करतो, ज्यामध्ये दोन तरुण प्रेमात पडतात. त्यांच्या कुटुंबियांनी नकार दिला असे नाही; माँटॅग्यूज आणि कॅपुलेट्स रक्त संघर्षात गुंतलेले आहेत.या मृत्यूने भरलेल्या परिस्थितीत, प्रेमापासून पहिल्यांदाच प्रेयसीपर्यंत मृत्यूची शेवटची चळवळ होण्याची हालचाल जवळजवळ अपरिहार्य दिसते. आणि तरीही, एक विलक्षण जगात सेट केलेले हे नाटक तरुण प्रेमाची पंचांग बनली आहे. काही प्रमाणात त्याच्या उत्कृष्ट भाषेमुळे, प्रतिसाद देणे सोपे आहे जणू काय ते सर्व तरुण प्रेमीबद्दल आहेIn Romeo and Juliet Marathi, Shakespeare creates a violent world, in which two young people fall in love. It is not simply that their families disapprove; the Montagues and the Capulets are engaged in a blood feud.In this death-filled setting, the movement from love at first sight to the lovers'' final union in death seems almost inevitable. And yet, this play set in an extraordinary world has become the quintessential story of young love. In part because of its exquisite language, it is easy to respond as if it were about all young lovers
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