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सिनेमा किताब लघु कहानियो का संग्रह है, इस किताब में लिखी गयी कहानिया हमारे और हमारे आस पास के जीवन से प्रेरित है। ये कहानिया आपको विभिन दिशाओ, भावो और रासो का अनुभव कराती है। अब यह कोशिश कितनी कारगार साबित होती है इसका फैसला मैं आप पाठको पर छोड़ता हूँ। जहाँ मोबाइल आपको आपके किशोरावस्था में ले जाता है तो वही मास्टर साहब और मात्र १०० रुपये आपको समाज की गदंगी से रूबरू कराता है। इसके अलावा आरिफ आरती, कैंटीन आपको प्रेम का आभास कराता है तो वही एक आवाज़ और दीपक अब भी जल रहा है जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरणा देता है। ये कहानिया न सिर्फ शोषित समाज की बात करती है बल्कि एक ऐसे समाज पर सवाल भी खडा करती है जो मौन है । मुझे उम्मीद है ये कहानियां आप सभी को लोगो को पसंद आएँगी । धन्यवाद
यह एक नायिका प्रधान उपन्यास है जिसमें नारी जीवन की विवशताओं पर प्रकाश डाला गया है । यह एक ऐसी स्त्री की व्यथा कथा है जो आदर्शों के लिए अपना सारा जीवन बलिदान कर देती है । उसके सदा अपने कर्तव्यों के प्रति सचेष्ट रहने पर भी उसके आंचल पर लगा एक नन्हा सा दाग उसके जीवन के सम्पूर्ण सुखों को निगल जाता है । यह मनुष्य के आंतरिक और बाह्य संघर्ष की कहानी है । इसमें देशभक्ति का रंग भी है और मानव जीवन की विवशताओं का उल्लेख भी अत्यंत मार्मिक ढंग से किया गया है । उपन्यास के पात्रों के मनोभावों का लेखिका द्वारा अत्यंत प्रभावपूर्ण वर्णन किया गया है ।
Sparks fly when she meets Siddhartha, a career oriented, self obsessed intellectual with a vision that is completely different from her. Despite having nothing in common the two end up forming an unexpected bond.
इस बुक में आप अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों, राजनीतिक साजिशें, धार्मिक एवं आर्थिक कारण आदि को देखेंगे। इस में यह माना गया है कि सभी ग्रहों का घुम्मन काल समान है। जिस कारण उनके प्रति दिन में होने वाले घंटे भी समान है। यहां कुछ ग्रहों पर राततांत्रिक शासन है तो कहीं पर लोकतांत्रिक। लोकतांत्रिक सत्ता वाले बहुत कम ही ग्रह है। इस पोस्ट में आप धार्मिक गतिविधियों के कारण युद्घ होते हुए देखेगे। इसका कुछ कारण पसंद ना पसंद भी है। साथ में एक बुक में आप एक पर्दे के पीछे छुपे आतंकवादी को भी देखेंगे। इसमें बग्नाना, बेगम नूरी प्रमुख विलेन रहेंगे। इसमें 4 ग्रहों के मध्य युद्ध को देखेंगे। इसमें पात्रों के नाम कुछ भारतीय, कुछ अमिरिकी, कुछ चीनी और कुछ काल्पनिक है। ये किस्सा भी एक कल्पना मात्र है। फिर भी ये वास्तविकता का अनुभव कराता है।
पिता "छाव एक घर की " किताब यह दर्शाती है की, एक पिता ही है जो हर हाल में अपने बच्चो की डाल बनकर अपने बच्चो को हर मुश्किल से बचाते है। इसी विषय के माध्यम से हमारे कवियों ने अपने विचार प्रकट किए है।
han han, main mar chuka hun . main sabke liye ek lash ke siva kuchh nahi . meri arthi jite-ji nikal di gai . mere armanon ki arthi, mere khvabon ki arthi --- . aj meri lash par rone ayen hain ap log . nahi -- nahi . meri lash par koi ro nahi sakta . meri hatya karne men ap sabhi ka hath hai . sabne meri bhavnaon ke sath khela hai -- meri bhavnaon ka gala ghonta hai . nahi bete, nahi . aisa mat kaho, kabhi-kabhi bete ko bhi ma-bap ko maf kar dena chahiye .'' kahte hue ramankishor saurabh ke panv men jhukte chale gaye . ek aise insan ki kahani jinki bhavnaon ka gala unke apnon ne hin ghont dala . vah jo unke liye hi ji raha tha, pae ve use galat samajh rahe the . akhir kyon ? janne ke liye padhe ---- upanyas -- mrityu
मृत्यु उस सय का नाम है जिससे प्रत्येक व्यक्ति भयभीत होता है । मृत्यु हमें आस्तिक बनाती है । मृत्यु एक दुर्लभ वस्तु है । मृत्यु में आपको इतिहास-पुरुष बना जाने की कला है । मृत्यु अवश्यंभावी है । मृत्यु मिलापक होती है । मृत्यु को भूलना नहीं चाहिए । मृत्यु अभिशाप नहीं, वरदान है । मृत्यु का भी उद्देश्य होना चाहिए । जीवन और मृत्यु एक दूसरे के पूरक हैं । जीवन-धारा बदलें, मृत्यु हमेशा याद रहेगी । मृत्यु पूर्वकालिक घोषणा नहीं करें ।
यह पुस्तक लॉकडाउन 21 हम में से प्रत्येक की यात्रा है, जो कोविड-19 के प्रकोप को जी चुके हैं। यह पुस्तक उन लोगों के लिए एक शुरुआत है, जिनको सत्य जानने की प्यास है
यह पुस्तक भारतीय संदर्भ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा लाई जाने वाली संभावनाओं तथा भारतीय उद्योगों और अर्थव्यवस्था पर AI के प्रभावों को केंद्र में रखकर लिखी गई है। पुस्तक की शुरुआत यह बताने के साथ होती है कि किस तरह से AI क्षेत्र में विभिन्न देशों के वर्चस्व की दौड़ ने तेज गति पकड़ रखी है और कैसे AI मुख्यधारा की राजनीति और विश्व के नेताओं को प्रभावित करने में कामयाब है। पुस्तक का एक अध्याय CEO और CTO द्वारा अपनी प्राथमिकताओं की सूची में AI को शीर्ष पर रखने के लिए प्रेरित करने के लिए समर्पित है। खेल क्षेत्र में AI के उपयोग, खेल प्रेमियों के साथ-साथ स्पोर्ट्स और कंप्यूटर गेम्स के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिए अत्यंत रुचिकर साबित होने जा रहे हैं। इसके साथ ही यह पुस्तक ऑटोनोमस वाहनों, स्मार्ट होम्स और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में AI के उपयोगों के बारे में गहन चर्चा और विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
कोविड-१९ ने दुनिया भर के बच्चों के जीवन पर असर किया है। सभी को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए वायरस के बारे में सीखना
अलबोर्ज़ अज़ार ने अपनी किताबों की श्रृंखला के पहले भाग, "किसने किया" को पन्त्तेआ (लाना) को समर्पित किया है। पन्त्तेआ (अज़ार कि एश्घम), जिसने कि लाना बन कर उसे अपने संस्मरण को लिखने की और दुनिया के साथ बांटने की प्रेरणा दी, जिसके बाद अज़ार ने मार्च २०१८ कि एक घटना के बाद इस कहानी को लिखना शुरू कर दिया। हालांकि, अज़ार को मालूम था कि उसे लाना कि उपस्तिथि को चकाचौंध से दूर रखना होगा, क्यूंकि उसे अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को निजी रखना पसंद था। मगर उसे लगा कि जो प्यार वह उसके लिए महसूस करता है, वह एक अविश्वसनीय घटना थी, जो कि काग़ज पर उतारने काबिल थी। एकलौती शक्स जिसे अलबोर्ज़ पन्त्तेआ से ऊपर रखता है, वह है उसकी बीवी रोज़हां यह किताब, पन्त्तेआ (इस वक़्त ४१ साल) और अलबोर्ज़ (इस वक़्त ६६ साल) कि असली कहानी से प्रेरित है। उनके इस सफर में, अलबोर्ज़ ने जाना कि पन्त्तेआ प्यार में विश्वास नहीं रखती है, फिर भी किसी तरह, उसने उसे यह सबक सिखा दिया कि वह जिसे प्यार समझता है, वह किसी की बिना किसी शर्त के परवाह करने जैसा नहीं हैजैसे जैसे उनका रिश्ता बढ़ता जाता है, पन्त्तेआ अलबोर्ज़ के लिए "प्यार" शब्द का इस्तेमाल करने लगती है। कम से कम, हफ्ते में एक बार वह कहती है की वह उससे प्यार करती है। मगर कुछ छिपाए राज़ उनके रिश्ते में दरार पैदा कर देते हैं, और जैसे ही अलबोर्ज़ को लगने लगता है कि सब कुछ सही है, पन्त्तेआ का किसी के साथ चल रहा अवैध संबंध सामने आ जाता है।
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इस किताब में शामिल चार लेखों को आप मॉडर्न ज़माने की दंतकथाओं की तरह पढ़ सकते हैं। ईव एंसलर अमेरिकन नाटककार और मशहूर दि वजाइना मोनोलॉग्स की लेखक ईव ने अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नारंगी बालों की गुत्थी बेहतरीन तरीके से सुलझाई है। दानिश हुसैन हिंदुस्तानी दास्तानगो, ऐक्टर और कवि दानिश ने सिर्फ़ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किस्से ही नहीं सुनाए बल्कि उसी बहाने संघ परिवार के दिनोंदिन बढ़ते अतिवादों का भी लेखा-जोखा पेश किया है। बुरहान सॉनमेज़ तुर्की उपन्यासकार बुरहान ने तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्रदोगान के भटकाव भरे पूरे राजनीतिक करियर का खाका दिया है। निनॉच्का रॉस्का फिलीपींस की स्त्रीवादी उपन्यासकार निनॉच्का ने दुतेर्ते की पुरुषवादी सत्ता विमर्श की पोल खोली है। इन लेखकों को 'तटस्थ' समझने की भूल बिल्कुल न करें। ये ऐसे विचारक, ऐसे जादुई लेखक और कारामाती कलाकार हैं जिन्हें शैतानी ताकतों, दुनिया के भविष्य और आने वाले कल को देखने की ख़ास नज़र मिली है। दुनिया का वर्तमान दर्दनाक है लेकिन भविष्य बेहद ज़रुरी। चार दमदार लेखक, चार ग्लोबल दबंग।
क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!
मनुष्य में अद्भुत शक्ति है, वह रो भी सकता है और हँस भी सकता हैI परिस्थितियाँ तो निर्माण होती हैं, उनका प्रभाव पड़ता है परंतु उनका कितना प्रभाव उस पर पड़े यह मनुष्य स्वयं नियंत्रित कर सकता हैI सतत प्रसन्न रहना एक कला हैI यह कला हर व्यक्ति को आती है, परंतु हम विस्मित हो गए हैंI हम अपना स्वरूप भूल गए हैंI यह पुस्तक आपको अपने मूल रूप में स्थापित करने का प्रयास है; जिसके द्वारा आप सतत प्रसन्न रह सकते हैंI कोई भी परिस्थिति आपको विचलित नहीं कर सकती है; यह अहसास आपको सदैव रहे; यही मेरी कामना हैI मेरी अन्य पुस्तकें अंग्रेजी में 'हैप्पीनेस 24/7', 'कृष्ण दी सुपर कॉन्शसनेस' और हिंदी में 'दादी के बोल' भी आप पढ़ें और लाभान्वित हों; यह अपेक्षा रखते हुए आपके सहयोग के लिए धन्यवादI
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