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Mhi-06 भारत में विभिन्न युगों क

Bag om Mhi-06 भारत में विभिन्न युगों क

MHI-06 भारत में विभिन्न युगों के दौरान सामाजिक संरचना का विकास Topics Covered Block 1 - प्रस्तावना - Unit 1 - प्राचीन समाज का पुनर्निर्माण स्रोतों का विशेष संदर्भ - Unit 2 - शिकार, संग्रहण, प्रारंभिक कृषि समाज, पशुचारण - Unit 3 - हड़प्पा की सभ्यता और अन्य ताम्रपाषाण संस्कृतियाँ Block 2 - संक्रमणाधीन संस्कृतियाँ - Unit 1 - वैदिक साहित्य में समाज - Unit 2 - लौह युगीन संस्कृतियाँ - Unit 3 - उत्तर भारत में सामाजिक-धार्मिक हलचल बौद्ध धर्म और जैन धर्म - Unit 4 - मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बौद्ध धर्म का अभ्युदय Block 3 - प्रारंभिक ऐतिहासिक समाज छठीं शताब्दी ई.पू. से चौथी शताब्दी ईसवीं तक - Unit 1 - शहरी वर्ग व्यापारी और शिल्पकार, खेतिहर बस्तियों का विस्तार - Unit 2 - चैत्य, विहार और उनका आदिवासी समूहों के साथ अंतःसंपर्क - Unit 3 - प्रारंभिक तमिल समाज - क्षेत्र और उनकी संस्कृतियाँ और वीर पूजा की परम्परा - Unit 4 - विवाह और पारिवारिक जीवन, अस्पृश्यता की धारणाएँ, वर्ण और जाति के बदलते स्वरूप Block 4 - प्रारंभिक मध्यकालीन समाज - Unit 1 - प्रारंभिक मध्यकालीन समाजों में परिवर्तन - Unit 2 - शहरों में पतन की समस्या कृषि का विस्तार, भूमि अनुदान और मध्यस्थों का विकास - Unit 3 - वर्णों और जातियों का प्रसार और सुदृढ़ीकरण - Unit 4 - समाज में धर्म Block 5 - मध्यकालीन समाज-1 - Unit 1 - ग्राम समुदाय - Unit 2 - ग्रामीण समाज उत्तर भारत - Unit 3 - ग्रामीण समाज प्रायद्वीपीय भारत Block 6 - मध्यकालीन समाज-2 - Unit 1 - पश्चिम भारत में वंश और राज्यसंघ - Unit 2 - उत्तरी भारत में शहरी सामाजिक वर्ग - Unit 3 - प्रायद्वीपीय भारत में बदलता हुआ सामाजिक ढांचा - Unit 4 - सामाजिक धार्मिक आन्दोलन - Unit 5 - अठारहवीं शताब्दी का समाज संक्रमण काल Block 7 - आधुनिक समाज - Unit 1 - भारतीय सामाजिक संरचना के विषय में राष्ट्रवादियों और समाज सुधारकों की धारणाएँ - Unit 2 - नए ऐतिहासिक संदर्भ में जातियों का अध्ययन - Unit 3 - ग्रामीण-शहरी

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789381690437
  • Indbinding:
  • Paperback
  • Sideantal:
  • 362
  • Udgivet:
  • 1. maj 2007
  • Størrelse:
  • 140x19x216 mm.
  • Vægt:
  • 417 g.
  • BLACK WEEK
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Beskrivelse af Mhi-06 भारत में विभिन्न युगों क

MHI-06 भारत में विभिन्न युगों के दौरान सामाजिक संरचना का विकास Topics Covered Block 1 - प्रस्तावना - Unit 1 - प्राचीन समाज का पुनर्निर्माण स्रोतों का विशेष संदर्भ - Unit 2 - शिकार, संग्रहण, प्रारंभिक कृषि समाज, पशुचारण - Unit 3 - हड़प्पा की सभ्यता और अन्य ताम्रपाषाण संस्कृतियाँ Block 2 - संक्रमणाधीन संस्कृतियाँ - Unit 1 - वैदिक साहित्य में समाज - Unit 2 - लौह युगीन संस्कृतियाँ - Unit 3 - उत्तर भारत में सामाजिक-धार्मिक हलचल बौद्ध धर्म और जैन धर्म - Unit 4 - मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बौद्ध धर्म का अभ्युदय Block 3 - प्रारंभिक ऐतिहासिक समाज छठीं शताब्दी ई.पू. से चौथी शताब्दी ईसवीं तक - Unit 1 - शहरी वर्ग व्यापारी और शिल्पकार, खेतिहर बस्तियों का विस्तार - Unit 2 - चैत्य, विहार और उनका आदिवासी समूहों के साथ अंतःसंपर्क - Unit 3 - प्रारंभिक तमिल समाज - क्षेत्र और उनकी संस्कृतियाँ और वीर पूजा की परम्परा - Unit 4 - विवाह और पारिवारिक जीवन, अस्पृश्यता की धारणाएँ, वर्ण और जाति के बदलते स्वरूप Block 4 - प्रारंभिक मध्यकालीन समाज - Unit 1 - प्रारंभिक मध्यकालीन समाजों में परिवर्तन - Unit 2 - शहरों में पतन की समस्या कृषि का विस्तार, भूमि अनुदान और मध्यस्थों का विकास - Unit 3 - वर्णों और जातियों का प्रसार और सुदृढ़ीकरण - Unit 4 - समाज में धर्म Block 5 - मध्यकालीन समाज-1 - Unit 1 - ग्राम समुदाय - Unit 2 - ग्रामीण समाज उत्तर भारत - Unit 3 - ग्रामीण समाज प्रायद्वीपीय भारत Block 6 - मध्यकालीन समाज-2 - Unit 1 - पश्चिम भारत में वंश और राज्यसंघ - Unit 2 - उत्तरी भारत में शहरी सामाजिक वर्ग - Unit 3 - प्रायद्वीपीय भारत में बदलता हुआ सामाजिक ढांचा - Unit 4 - सामाजिक धार्मिक आन्दोलन - Unit 5 - अठारहवीं शताब्दी का समाज संक्रमण काल Block 7 - आधुनिक समाज - Unit 1 - भारतीय सामाजिक संरचना के विषय में राष्ट्रवादियों और समाज सुधारकों की धारणाएँ - Unit 2 - नए ऐतिहासिक संदर्भ में जातियों का अध्ययन - Unit 3 - ग्रामीण-शहरी

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